शिलाई, 18 अप्रैल 2025 — हिमाचल प्रदेश के उद्योग, संसदीय कार्य और आयुष मंत्री हर्षवर्धन चौहान का नाम अब केवल राजनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि वह विकास, समर्पण और दूरदर्शिता का पर्याय बन चुके हैं। छह बार के विधायक और तीन महत्त्वपूर्ण विभागों के मंत्री के रूप में उनकी भूमिका आज प्रदेश के लिए मील का पत्थर साबित हो रही है।
शिलाई विधानसभा क्षेत्र, जिसे राज्य का सबसे दुर्गम और पिछड़ा क्षेत्र माना जाता था, आज विकास की राह पर तेज़ी से अग्रसर है। मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अगुआई में यहां 100 करोड़ रुपये से अधिक के कार्य चल रहे हैं, जो क्षेत्र की दशकों पुरानी समस्याओं को समाप्त कर रहे हैं।
ढाई साल में कई करोड़ का विकास: हर पंचायत तक पहुंची योजना
पिछले ढाई वर्षों में हर्षवर्धन चौहान ने शिलाई के हर पंचायत में विकास की रोशनी पहुंचाई है।
क्षेत्र के सतोन, पोका, मस्त भोज, पाशी, लांधि, शिलाई नाया सहित दर्जनों पंचायतों में सड़क निर्माण, जल आपूर्ति, स्वास्थ्य सेवाएं, सामुदायिक भवन, स्कूलों के सुदृढ़ीकरण जैसे अनेक कार्य किए गए।
उन्होंने कहा, “दशकों से लटकी मांगों को धरातल पर उतारना मेरी जिम्मेदारी थी और मैं हर संभव प्रयास कर रहा हूं कि कोई भी क्षेत्र विकास से वंचित न रहे।”
राजनीतिक मतभेद नहीं, समर्पण की राजनीति
मंत्री चौहान का कहना है, “राजनीति में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मनभेद नहीं। भाजपा का कार्यकर्ता हो या कांग्रेस का – विकास सबका अधिकार है और यह मेरा दायित्व भी है।”
उन्होंने मीडिया से बातचीत में साफ किया कि चुनाव की राजनीति बीत चुकी है, अब समय है विकास का। वे सभी लोगों से आग्रह करते हैं कि वे राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर क्षेत्रहित में साथ आएं।
शिलाई से हिमाचल तक: विकास की गंगा
मंत्री चौहान केवल शिलाई तक सीमित नहीं हैं। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के प्रत्येक जिले में पहुंचकर लोगों की समस्याएं सुनीं और उनका समाधान किया। वे कहते हैं, “मुझे गर्व है कि मैं पूरे प्रदेश में विकास की गंगा बहाने के लिए कार्य कर रहा हूं। मेरा लक्ष्य है कि हिमाचल देश के सर्वश्रेष्ठ राज्यों में गिना जाए।”
प्रमुख कार्य जो बदलाव ला रहे हैं
- सड़कों का विस्तार: दुर्गम गांवों को मुख्य मार्गों से जोड़ा गया, सड़कों की हालत में व्यापक सुधार।
- स्वास्थ्य सेवाएं: प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की मरम्मत, नए भवन, डॉक्टरों की तैनाती।
- शिक्षा का सशक्तीकरण: स्कूलों में स्मार्ट क्लास, फर्नीचर, कंप्यूटर लैब की व्यवस्था।
- सुरक्षा दीवारें और सामुदायिक भवन: आपदाओं से बचाव के लिए दीवारें, ग्राम सभाओं व कार्यक्रमों के लिए भवनों का निर्माण।
- आयुष और उद्योग को बढ़ावा: आयुष योजनाओं के माध्यम से स्थानीय चिकित्सा पद्धतियों को प्रोत्साहन, क्षेत्रीय उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराना।
आम जनता का विश्वास और समर्थन
हर्षवर्धन चौहान को जनता का भरपूर समर्थन प्राप्त है। क्षेत्र के वरिष्ठ नागरिकों से लेकर युवाओं और महिलाओं तक – सभी उनके प्रयासों की सराहना करते हैं।
“पहली बार ऐसा लग रहा है कि सरकार हमारे गांव तक पहुंची है,” यह शब्द आज शिलाई के हर कोने से सुनाई दे रहे हैं।
राजनीतिक पृष्ठभूमि और अनुभव
हर्षवर्धन चौहान का जन्म 14 सितंबर 1964 को नाहन, जिला सिरमौर में हुआ। उनके पिता गुमान सिंह चौहान भी हिमाचल सरकार में मंत्री रहे हैं। राजनीति उनके खून में थी और उन्होंने छात्र जीवन से ही जनसेवा का मार्ग चुना।
- शिक्षा: बी.ए. और एल.एल.बी. (सेंट एडवर्ड्स स्कूल, शिमला व हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से)
- पहली बार विधायक: 1993 में शिलाई से निर्वाचित
- अब तक छह बार विधायक, वर्तमान में उद्योग मंत्री
- अनुभव: मुख्य संसदीय सचिव, हिमाचल उद्योग निगम के उपाध्यक्ष, कांग्रेस जिला कमेटी के अध्यक्ष इत्यादि
निष्कर्ष: एक सच्चा जनसेवक
हर्षवर्धन चौहान आज हिमाचल प्रदेश में एक सशक्त, संवेदनशील और दूरदर्शी नेतृत्व का उदाहरण हैं। उनका फोकस केवल राजनीति नहीं, बल्कि जनता की सेवा और प्रदेश का सर्वांगीण विकास है। उन्होंने दिखा दिया है कि अगर इरादे मजबूत हों, तो दुर्गम क्षेत्र भी विकास का केंद्र बन सकता है।
माननीय मंत्री जी श्री हर्षवर्धन चौहान जी का विकास करना ही सर्वोपरि उद्देश्य है और रहेगा जय कांग्रेस विजय कांग्रेस