चौपाल में हरित नवाचार की मिसाल: प्लास्टिक वेस्ट से बना स्वामी विवेकानंद पंचवटी पार्क

चौपाल में हरित नवाचार की मिसाल: प्लास्टिक वेस्ट से बना स्वामी विवेकानंद पंचवटी पार्क, हिमाचल का पहला ग्रीन ब्लॉक बना”

चौपाल, शिमला (हिमाचल प्रदेश):
विकास खण्ड चौपाल की दुर्गम ग्राम पंचायत पौड़िया में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। यहां हिमाचल प्रदेश का दूसरा स्वामी विवेकानंद पंचवटी प्लास्टिक वेस्ट पार्क महज़ 21 दिनों में बनकर तैयार हुआ है। इस अनूठी पहल का शुभारंभ जिला शिमला के अतिरिक्त उपायुक्त श्री अभिषेक वर्मा (आईएएस) द्वारा किया गया।

यह उल्लेखनीय है कि मात्र 6 महीनों के भीतर चौपाल ब्लॉक में दो प्लास्टिक वेस्ट पार्कों का निर्माण हो चुका है, जिससे चौपाल राज्य का एकमात्र ब्लॉक बन गया है जो प्लास्टिक वेस्ट से पर्यावरण अनुकूल पार्क बनाने की दिशा में अग्रणी है।

इस ऐतिहासिक पहल के पीछे बीडीओ चौपाल श्री विनीत ठाकुर और ग्राम पंचायत पौड़िया के प्रधान श्री तपिंदर मोहन शर्मा की सक्रिय नेतृत्व क्षमता और मेहनत को सराहा गया। एडीसी महोदय ने इन दोनों अधिकारियों की पीठ थपथपाई और चौपाल ब्लॉक की विकासात्मक सोच को राज्य के लिए एक प्रेरणास्त्रोत बताया।

जन भागीदारी से रचा गया विकास का इतिहास:

चौपाल में न केवल ग्रीन इनोवेशन हो रहा है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक विकास में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है। वर्ष 2024-25 के दौरान:

  • मनरेगा के तहत 6,000 से अधिक परिवारों को व्यक्तिगत कार्य उपलब्ध कराए गए।
  • लगातार दो वर्षों तक 6-6 लाख कार्य दिवस अर्जित किए गए, जो कि अब तक का एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड है।
  • 1128 घरों को आवास योजनाओं के तहत घर प्रदान किए गए।
  • स्वच्छ भारत मिशन (SBM) और प्रधानमंत्री एफएमई योजना (PMFME) में जिला शिमला को राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ।

अवसंरचना विकास में भी चौपाल अग्रणी:

इस अवसर पर 40 लाख रुपये की लागत से निर्मित सराय भवन का भी निरीक्षण किया गया। एडीसी ने पंचायत भवन के अपवर्धन कार्यों का जायज़ा लिया और मौके पर मौजूद आम जनता की समस्याओं का तत्परता से समाधान किया।

प्रधान तपिंदर मोहन शर्मा को उनकी दूरदर्शिता और निष्कलंक कार्यशैली के लिए सम्मानित किया गया, वहीं बीडीओ विनीत ठाकुर को इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए जनप्रतिनिधियों और जनता द्वारा सराहना मिली।

निष्कर्षतः, चौपाल ब्लॉक हिमाचल प्रदेश में पर्यावरणीय जागरूकता, सामुदायिक भागीदारी और प्रशासनिक प्रतिबद्धता का बेहतरीन उदाहरण बनकर उभरा है। यह पहल राज्य के अन्य क्षेत्रों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है।

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