पांवटा साहिब के लोक निर्माण विश्रामगृह में किसान संगठनों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न किसान यूनियनों के प्रतिनिधियों और सदस्यों ने भाग लिया। बैठक में किसानों को हो रही समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की गई और समाधान के लिए सामूहिक रणनीति बनाई गई। बैठक में मुख्य रूप से गेहूं की खरीद प्रक्रिया में आ रही दिक्कतों पर चिंता जताई गई। किसानों ने बताया कि फसल बेचते समय उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जिसमें समर्थन मूल्य न मिलना, तौल प्रक्रिया में देरी और परिवहन व्यवस्था की कमी शामिल है। इसके अलावा क्षेत्र की खस्ताहाल सड़कों—जैसे पांवटा साहिब से भेरेवाल, भगानी, रामपुरघाट से बरोटीवाला और नवादा तक की सड़कों—की मरम्मत की मांग जोर-शोर से उठाई गई। किसानों ने बताया कि इन सड़कों की खराब हालत से परिवहन में दिक्कतें आती हैं और फसलों को मंडियों तक पहुंचाना मुश्किल हो जाता है।
बैठक में आवारा पशुओं की बढ़ती संख्या पर भी चिंता जताई गई, जो फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। किसानों ने इस समस्या को गंभीर बताते हुए इसके स्थायी समाधान की मांग की। तेज़ गर्मी के चलते सूख चुकी नहरों में तुरंत पानी छोड़े जाने की भी मांग की गई, ताकि सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। इसके अलावा बिजली की बार-बार कटौती से परेशान किसानों ने निर्णय लिया कि बिजली विभाग को भी ज्ञापन भेजा जाएगा। बैठक के अंत में तय किया गया कि इन सभी मुद्दों को लेकर प्रशासन को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा जाएगा और समस्याओं के शीघ्र समाधान की मांग की जाएगी। किसान नेताओं ने चेताया कि यदि समस्याएं समय पर नहीं सुलझीं, तो आंदोलन का रास्ता अपनाया जाएगा।