ईमानदार अफसर की छवि पर दाग: गिरी नदी में दो जेसीबी मशीनों से खुलेआम अवैध खनन, जिम्मेदार विभाग मौन
जिला माइनिंग अधिकारी अपने कार्य के प्रति पूरी ईमानदारी और निष्ठा से जिम्मेदारियां निभा रहे हैं। उनके प्रयासों से ज़िले में खनन पर काफी हद तक नियंत्रण दिखाई दे रहा है। लेकिन बागरण पुल के समीप गिरी नदी में चल रहा अवैध खनन इस ईमानदारी पर सवाल खड़े कर रहा है।
यहां एक जेसीबी मशीन की परमिशन ली गई है, लेकिन मौके पर दो मशीनें लगातार खनन कार्य में जुटी हुई हैं। यह न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि माइनिंग विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सीधा प्रहार है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, यह खनन कार्य दिन और रात दोनों समय खुलेआम जारी है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह अवैध गतिविधि फॉरेस्ट विभाग के कार्यालय से कुछ ही कदम की दूरी पर हो रही है, बावजूद इसके संबंधित विभाग आंखें मूंदे बैठे हैं। शिकायतों के बावजूद किसी भी स्तर पर कार्रवाई नहीं की गई है।
यह मामला सिर्फ खनन का नहीं, बल्कि एक ईमानदार अधिकारी की छवि को धूमिल करने की कोशिश का भी है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या माफिया के सामने सिस्टम घुटने टेक चुका है? और अगर नहीं, तो फिर इन जेसीबी मशीनों पर कब कार्रवाई होगी?
अब वक्त है कि जिम्मेदार अधिकारी सख्त कदम उठाएं और यह साबित करें कि ईमानदारी को कमजोर नहीं होने दिया जाएगा।