दिनदहाड़े रेत बजरी माफिया गिरी नदी पर कर रहे खनन

दिनदहाड़े रेत बजरी माफिया गिरी नदी पर कर रहे खनन

फॉरेस्ट और माइनिंग विभाग चुप 

 

प्रकृति ने हमें नदियों के रूप अनमोल धरोहर दिया है और यह नदियां ही हमारा जीवन रहीं हैं। दो दशक पहले तक इन नदियों का बालू प्राकृतिक रूप से पानी स्टोरेज का साधन हुआ करता था, लेकिन अब रेत बजरी माफिया ने जल की शुद्धता को दुष्ट कर दिया है, दरअसल पांवटा के गिरी नदी में रेत खनन रोकने के सारे प्रयास विफल साबित हो रहे हैं. एनजीटी, सरकार, पुलिस को ठेंगा दिखाते हुए खनन माफिया दिनदहाड़े टमटम से गिरी नदी का सीना चीरकर रेत खनन कर रहे हैं.

 

जानकारी मुताबिक उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान के विधानसभा क्षेत्र के गिरीनदी के राजब के समीप फॉरेस्ट लैंड पर टमटम से अवैध खनन का कारोबार किया जा रहा है और माइनिंग विभाग और फॉरेस्ट विभाग के कर्मचारी चुपचाप सारा खेल देख रहे हैं ऐसे में सवाल खड़े होते हैं कि क्या सरकार से मोटी मोटी पगार लेने वाले कर्मचारी इन माफिया के साथ मिले हुए हैं। हालांकि सवाल बहुत है लेकिन जवाब कुछ नहीं।

 

बता दे कि प्रदेश सरकार अवैध खनन को रोकने के बड़े-बड़े दावे कर रही है लेकिन धरातल पर कर्मचारियों की मिली जुली भगत की वजह से जमकर खनन का कारोबार चल रहा है।

 

 

गिरी नदी का सीना कुरेद रहे माफिया

 

यहां गिरी नदी में दूर तक अवैध खनन के निशान इस बात की गवाही दे रहे हैं कि यहां से करोड़ों का रेत खनन माफिया चोरी कर चुका है. यहां खनन माफिया सरेआम नदी का सीना कुरेद रहे हैं.