*पांवटा साहिब: पारिवारिक विवाद में हत्या के प्रयास का मामला, 7 दोषियों को मिली सजा, मुख्य आरोपियों को 5 साल की कैद*
पांवटा साहिब, 5 मार्च 2025 – हिमाचल प्रदेश के पांवटा साहिब में साल 2015 में हुए हत्या के प्रयास के मामले में अदालत ने अपना फैसला सुनाया। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश कपिल शर्मा की अदालत ने मुख्य आरोपी जमील अहमद, बकिल मोहम्मद और मुबारक अली को धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत दोषी मानते हुए 5 साल की कारावास और 10,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। इसके अलावा, धारा 325 के तहत 6 महीने की कैद और 1,000 रुपये जुर्माना तथा धारा 341 में 1 महीने की कैद भी सुनाई गई।
साथ ही, इस मामले में शामिल अन्य चार आरोपियों सधाम हुसैन, खालिद हुसैन, सकिल अहमद और अला बक्शी को भी धारा 325 और 323 के तहत 6-6 महीने की कैद और 1,000 रुपये जुर्माना, जबकि धारा 341 के तहत 1 महीने की सजा दी गई। अदालत ने आदेश दिया कि यदि दोषी जुर्माना अदा नहीं करते हैं, तो उन्हें 6 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
*क्या था पूरा मामला?*
यह मामला 18 नवंबर 2015 का है, जब खारा गांव निवासी शिकायतकर्ता शराफत अली ने थाना पोंटा साहिब में मामला दर्ज कराया था। उन्होंने बताया कि पुरानी रंजिश और पारिवारिक विवाद के चलते दोषियों ने उनके और उनके परिवार के सदस्यों पर लाठी-डंडों और तेजधार हथियारों से हमला किया। हमले में शिकायतकर्ता और उनके परिजन गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।
पुलिस ने मामले की जांच करते हुए ASI देवी सिंह के नेतृत्व में सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया और अदालत में चार्जशीट दाखिल की। इस दौरान अभियोजन पक्ष ने 15 गवाहों के बयान दर्ज कराए, जिसके आधार पर अदालत ने दोषियों को सजा सुनाई।
*सरकारी वकील की दलील और फैसला*
सरकारी वकील सहायक जिला न्यायवादी जतिंदर शर्मा ने अदालत में तर्क दिया कि दोषियों का इरादा शिकायतकर्ता की हत्या करने का था और उन्होंने जानलेवा हमला किया था। गवाहों और सबूतों के आधार पर अदालत ने इसे गंभीर अपराध मानते हुए दोषियों को सजा सुनाई।
इस फैसले के बाद पीड़ित पक्ष ने अदालत के निर्णय पर संतोष व्यक्त किया, जबकि दोषियों के परिजन ने इसे उच्च न्यायालय में चुनौती देने की बात कही।