प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राजकीय प्राथमिक केंद्र पाठशाला दिघाली का जागरूकता अभियान

*प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राजकीय प्राथमिक केंद्र पाठशाला दिघाली का जागरूकता अभियान*

खोडोवाला (जनपद) – शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने और अधिक से अधिक बच्चों को स्कूल से जोड़ने के उद्देश्य से राजकीय प्राथमिक केंद्र पाठशाला दिघाली, शिक्षा खंड खोडोवाला द्वारा गांव में एक विशेष जागरूकता अभियान चलाया गया। इस अभियान के तहत प्री-प्राइमरी शिक्षा के महत्व को उजागर किया गया और ग्रामीणों को बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए प्रारंभिक शिक्षा में भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रेरित किया गया।

*शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने का प्रयास*

इस जागरूकता अभियान में एमसी की टीम और स्कूल के स्टाफ ने सक्रिय भागीदारी निभाई। इस दौरान गांव-गांव जाकर अभिभावकों से संपर्क किया गया और उन्हें बताया गया कि सरकारी स्कूलों में निःशुल्क और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाती है, जिससे बच्चों की नींव मजबूत होती है।

*इस मौके पर सुरेंद्र शर्मा* ने बताया कि कई बार माता-पिता अपने छोटे बच्चों को स्कूल भेजने में देरी कर देते हैं, जिससे उनकी प्रारंभिक शिक्षा प्रभावित होती है। उन्होंने कहा, “शिक्षा की नींव मजबूत होनी चाहिए, और इसके लिए प्री-प्राइमरी स्तर से ही बच्चों को स्कूल भेजना जरूरी है।”

*सरकारी स्कूलों की शिक्षा से बढ़ रहा विश्वास*

अभियान के दौरान यह भी बताया गया कि आज के समय में सरकारी स्कूलों के छात्र अच्छे मुकाम हासिल कर रहे हैं। सरकारी स्कूलों में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ अन्य सह-शैक्षिक गतिविधियों में भी आगे बढ़ने के अवसर मिलते हैं। इसके अलावा, सरकार द्वारा स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना, मुफ्त पाठ्यपुस्तकें, गणवेश और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाती हैं, जिससे अभिभावकों को किसी प्रकार की आर्थिक चिंता नहीं होती।

शिक्षा अधिकारियों का समर्थन
इस अभियान को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने भी समर्थन व्यक्त किया और कहा कि इस तरह के जागरूकता अभियानों से स्कूलों में नामांकन बढ़ेगा। अधिकारियों ने कहा कि शिक्षा एक मौलिक अधिकार है और समाज के प्रत्येक बच्चे को शिक्षा से जोड़ना हम सभी की जिम्मेदारी है।

*ग्रामीणों का सकारात्मक रुझान*

अभियान के दौरान ग्रामीणों ने भी इस पहल की सराहना की। गांव के बुजुर्गों और अभिभावकों ने सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था में भरोसा जताते हुए कहा कि अगर इस तरह के जागरूकता अभियान चलते रहे, तो आने वाले समय में शिक्षा का स्तर और बेहतर होगा।

*अभियान का उद्देश्य और आगे की योजना*

यह अभियान बच्चों को स्कूल से जोड़ने, सरकारी स्कूलों में पढ़ाई के प्रति विश्वास बढ़ाने और शिक्षा के महत्व को उजागर करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया। भविष्य में इस तरह के अभियान अन्य गांवों में भी चलाए जाएंगे, ताकि अधिक से अधिक बच्चों को स्कूलों से जोड़ा जा सके।

शिक्षा विभाग और स्कूल प्रशासन के इस प्रयास से उम्मीद की जा रही है कि गांवों में शिक्षा का स्तर ऊंचा उठेगा और बच्चे अपने उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर होंगे।