NationalPoliticsUncategorized

राजपुर-कुल्थीना सड़क निर्माण में घोटाले की बूं बूं

राजपुर-कुल्थीना सड़क निर्माण में घोटाले की बूं बूं: लालची ठेकेदार की मनमानी से उजड़ रही हरियाली, ग्रामीणों ने उठाए सरकार की ईमानदारी पर सवाल, कहा—”भ्रष्टों को क्यों दे रही है ठेका?”

राजपुर से कुल्थीना तक बन रही सड़क विकास का प्रतीक बनती, इससे पहले ही भ्रष्टाचार की दलदल में धंस गई है। जिस सड़क से क्षेत्र के लोगों को सुविधा मिलने की उम्मीद थी, अब वही सड़क विवाद और अव्यवस्था की मिसाल बन गई है। ठेकेदार की लापरवाही और विभाग की चुप्पी ने इस प्रोजेक्ट को संदेह के घेरे में ला खड़ा किया है।

कटिंग के नाम पर चल रही मनमानी, मालवा फेंककर बर्बाद हो रहा पर्यावरण

ग्रामीणों ने बताया कि ठेकेदार द्वारा कटिंग के दौरान मलबा इधर-उधर फेंका जा रहा है, जिससे खेतों और जलस्रोतों को नुकसान हो रहा है। पर्यावरण को होने वाले इस नुकसान की तस्वीरें और वीडियो ग्रामीणों ने सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए हैं, जो अब पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन चुके हैं।

 

 

ग्रामीणों का फूटा गुस्सा: “चंद सिक्कों के लिए बर्बाद हो रहा गांव”

गांववालों ने ठेकेदार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ रुपयों के लालच में ठेकेदार न तो मापदंडों का पालन कर रहा है और न ही जनहित की चिंता कर रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे लापरवाह ठेकेदारों ने पूरे विभाग को बदनाम कर दिया है और इन्हें तुरंत ब्लैक लिस्ट किया जाना चाहिए।

सरकार पर उठे सवाल: “जो ईमानदारी की बात करती है, वो भ्रष्टों को क्यों दे रही टेंडर?”

अब ग्रामीणों ने सीधे सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा दिए हैं। उनका कहना है कि यह वही सरकार है जो ईमानदारी और पारदर्शिता का दावा करती है, फिर ऐसे ठेकेदारों को क्यों बार-बार काम दिया जा रहा है, जिनकी शिकायतें सालों से लंबित हैं? क्या यह अधिकारियों की मिलीभगत का नतीजा है या फिर सिस्टम ही भ्रष्ट हो चुका है?

सूत्रों का बड़ा खुलासा: कई और प्रोजेक्ट्स इसी ठेकेदार के जिम्मे, खतरे में और भी गांव

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस ठेकेदार के पास सतोन और आसपास के कई और निर्माण कार्य भी चल रहे हैं। यदि इस पर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो पूरे क्षेत्र में हरियाली और जलस्रोतों पर संकट गहरा सकता है। यह सिर्फ एक गांव की नहीं, पूरे अंचल की समस्या बनती जा रही है।

अब सबसे बड़ा सवाल—ठेकेदार पर होगी कार्रवाई या फिर दबा दिया जाएगा मामला?

लोग अब यह जानना चाहते हैं कि विभाग और सरकार इस गंभीर लापरवाही पर क्या कदम उठाएंगे? क्या लापरवाह ठेकेदार पर कार्रवाई होगी या एक बार फिर लीपापोती कर दी जाएगी? जवाबदेही की घड़ी अब नजदीक है, और जनता की नजरें सरकार की ईमानदारी की असली परीक्षा पर टिकी हैं।