ईमानदार उद्योग मंत्री की छवि को धूमिल कर रहे हैं कृषि मंडी समिति के अध्यक्ष और उनकी टीम
कृषि मंडी में सुविधाओं का अभाव, किसानों में भारी रोष
हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के पांवटा साहिब में कृषि मंडी की बदहाल स्थिति किसानों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। यह क्षेत्र धान, गेहूं और गन्ने की सबसे अधिक पैदावार करने के लिए जाना जाता है, लेकिन यहां की कृषि मंडी में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। किसानों का आरोप है कि मंडी समिति के अध्यक्ष और उनकी टीम ने अब तक किसानों की समस्याओं की अनदेखी की है, जिससे वे लगातार असुविधाओं का सामना कर रहे हैं।
### शौचालय और पानी की कोई सुविधा नहीं
मंडी में उपलब्ध शौचालयों की हालत इतनी खराब है कि वहां खड़ा होना भी मुश्किल है। किसान संगठनों का कहना है कि यह स्थिति न केवल किसानों की सेहत के लिए खतरनाक है, बल्कि बड़ी बीमारियों को भी न्योता दे रही है। साथ ही, मंडी में पीने के पानी की कोई सुविधा नहीं है, जिससे किसानों को भारी कठिनाई हो रही है।
### बैठने की व्यवस्था भी नहीं, भीषण गर्मी में किसानों की मुश्किलें बढ़ेंगी
गर्मियों के दिनों में पांवटा साहिब का तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, लेकिन मंडी में किसानों के बैठने तक की कोई सुविधा नहीं है। ऐसे में जब 8 अप्रैल से गेहूं की खरीद प्रक्रिया शुरू होगी, तो किसानों को घंटों धूप में खड़ा रहना पड़ेगा।
### पुराने उपकरणों और मशीनों से बढ़ रही किसानों की परेशानियां
मंडी में उपयोग की जा रही मशीनें बेहद पुरानी हैं, जिससे खरीदारी और तुलाई की प्रक्रिया में देरी होती है। किसान हर साल इसी समस्या से जूझते आ रहे हैं, लेकिन मंडी प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
### किसानों के साथ नहीं हुई कोई बैठक, मंडी समिति पर सवाल
किसानों का कहना है कि मंडी समिति के अध्यक्ष और उनकी टीम ने अब तक किसानों से कोई बैठक नहीं की और न ही उनकी समस्याओं को सुनने की कोशिश की। किसान संगठनों का कहना है कि यदि मंडी समिति के अध्यक्ष उद्योग मंत्री के विधानसभा क्षेत्र से न होते, तो अब तक उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा चुका होता।
### किसानों ने दी आंदोलन की चेतावनी
हिमाचल किसान सभा, संयुक्त किसान मोर्चा पांवटा और भारतीय किसान यूनियन चढनी जैसे संगठनों ने मांग की है कि 8 अप्रैल से पहले मंडी की सभी समस्याओं का समाधान किया जाए और किसानों के साथ बैठक आयोजित की जाए। यदि प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया, तो किसान मंडी समिति के खिलाफ बड़ा आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेंगे।
किसानों की यह नाराजगी जिला प्रशासन के लिए एक गंभीर चेतावनी है, और यदि समय रहते इन समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो आने वाले दिनों में बड़ा विरोध प्रदर्शन देखने को मिल सकता है।