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गलत सूचना और आरोपों पर मेडस्वान फाउंडेशन ने दी स्पष्ट प्रतिक्रिया

गलत सूचना और आरोपों पर मेडस्वान फाउंडेशन ने दी स्पष्ट प्रतिक्रिया
108 और 102 एंबुलेंस सेवाओं को लेकर फैलाई जा रही अफवाहों को बताया बेबुनियाद

शिमला। हिमाचल प्रदेश में 108 और 102 राष्ट्रीय एंबुलेंस सेवाओं का संचालन कर रही मेडस्वान फाउंडेशन ने हाल ही में मीडिया में आई कुछ खबरों और प्रतिनिधियों द्वारा लगाए गए आरोपों को पूरी तरह निराधार और भ्रामक बताया है। संस्था ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर स्पष्ट किया है कि वह पूर्ण पारदर्शिता और मानव सेवा के भाव से कार्य कर रही है।

फाउंडेशन ने कहा है कि उसके सभी कर्मचारी संस्था की रीढ़ हैं और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए संस्था हमेशा तत्पर रहती है। कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा कर्मचारियों को गुमराह कर आंदोलन और मीडिया में झूठे आरोपों के माध्यम से संस्था की छवि को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।

शोषण और वेतन विवाद पर स्पष्टीकरण

फाउंडेशन ने बताया कि सभी कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन अधिनियम के अंतर्गत अदालत द्वारा निर्धारित ₹15,032 प्रतिमाह का भुगतान किया जा रहा है। उच्च न्यायालय के आदेशों के तहत पुराने ठेकेदार द्वारा संचालित सेवाएं समाप्त कर नई निविदा प्रक्रिया के तहत मेडस्वान ने सेवाएं शुरू की हैं। सभी कर्मचारियों को पूरी पारदर्शिता से नियुक्त किया गया है।

सेवा समाप्ति और महिला कर्मचारियों के आरोपों को बताया झूठा

फाउंडेशन ने स्पष्ट किया कि किसी भी कर्मचारी को मनमाने ढंग से सेवा से नहीं हटाया गया है। सभी कार्रवाई अनुशासनात्मक प्रक्रियाओं के तहत हुई है। महिला कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार के आरोपों को भी संस्था ने सिरे से खारिज किया है और इसे अत्यंत गंभीर एवं झूठा बताया है।

झूठे प्रचार से बचने की अपील

मेडस्वान फाउंडेशन ने मीडिया और आमजन से अपील की है कि संवेदनशील खबरों के प्रकाशन से पूर्व तथ्यों की जांच अवश्य करें ताकि झूठे आरोपों से किसी ईमानदार कर्मी की छवि धूमिल न हो। साथ ही, संस्था ने स्पष्ट किया है कि वह अपने सभी कर्मचारियों के हित में पूरी तरह कार्य कर रही है और कोई भी अवैध गतिविधि संस्था के संरक्षण में नहीं हो रही है।

फाउंडेशन ने अंत में दोहराया कि यदि किसी के पास कोई साक्ष्य या तथ्य हैं, तो उन्हें न्यायिक माध्यमों से प्रस्तुत किया जाए न कि मीडिया या सोशल मीडिया में भ्रामक प्रचार कर जनता को गुमराह किया जाए।

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