“हिमाचल सरकार का स्टेट कैडर फैसला: जनहित या राजनीतिक खेल..?”

“हिमाचल सरकार का स्टेट कैडर फैसला: जनहित या राजनीतिक खेल..?”

हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में जारी की गई पटवारी और कानूनगो के स्टेट कैडर की अधिसूचना को लेकर सरकार और राजस्व विभाग के कर्मचारी आमने-सामने आ गए हैं। सरकार इस फैसले को जनहित में उठाया गया कदम बता रही है, जिससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा और कई पटवारियों को अपने गृह जिले में काम करने का अवसर मिलेगा।

हालांकि, कर्मचारियों का आरोप है कि यह फैसला राजनीतिक हितों से प्रेरित है और इससे स्थानीय जनता को असुविधा होगी। उनका मानना है कि किसी अन्य जिले में भेजे गए पटवारी वहां की भौगोलिक स्थिति और जमीनों की सही जानकारी नहीं रख पाएंगे, जिससे भ्रष्टाचार और बढ़ सकता है।

इसके अलावा, कर्मचारियों की प्रमोशन प्रक्रिया भी प्रभावित होगी, क्योंकि स्टेट कैडर लागू होने से जिले स्तर पर दी जाने वाली वरिष्ठता और टेस्ट आधारित पदोन्नति अधर में लटक जाएगी। खासकर, सिरमौर जिले के कई कर्मचारियों को इससे बड़ा नुकसान होगा, जो वर्षों से प्रमोशन की प्रतीक्षा कर रहे थे।

सरकार के इस फैसले के विरोध में कर्मचारियों ने नाराजगी जताई है और मांग की है कि राजस्व विभाग में कार्यप्रणाली को सुचारू बनाए रखने के लिए इस निर्णय पर पुनर्विचार किया जाए।